साक्षात्कार:पुलिस अफसर बनने की थी इच्छा, शव ले जाते देख मन विचलित हुआ तो ले ली दीक्षा : आचार्य https://ift.tt/eA8V8J

आचार्य सुंदर सागरजी ने कहा-जैन संतों का उपदेश सुनने स्कूल से बिना बताए ही चले जाते, पढ़ाई से ही वैराग्य की भावना जागृत हुई

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