नववर्ष की पूर्व संध्या पर गुरुवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान सूर्यनारायण की आराधना का महीना पौष शुरू हो गया। इसके साथ ही ठाकुर जी की दिनचर्या भी बदल गई। भगवान को गर्म वस्त्र पहनाए गए। भोग में गर्म तासीर के व्यंजन शामिल किए गए।
ठाकुर जी को पौष के पूरे महीने में गर्मा-गर्म खिचड़ा, हलवा, दाल के बड़ों, शक्कर, गुड़, केसरिया दूध का भोग लगाया जाएगा। घरों में भी भक्त अपने आराध्य को गर्मा-गर्म हलवे, खिचड़ी और दाल के बड़ों का भोग लगाएंगे। इस बार शहर में कहीं भी पौष बड़ों का बड़ा आयोजन नहीं होगा। मंदिरों में भी भक्तों को अन्नकुट महोत्सव की तरह दौना प्रसादी ही मिल सकेगी। इस बार कहीं भी लक्खी पौष बड़ों का आयोजन भी नहीं होगा।
हर साल यहां होता था लक्खी पौष बड़ों का आयोजन
कदम डूंगरी, बंगाली बाबा आश्रम, घाट के बालाजी, डबल शंकर महादेव मंदिर और पतासी वालों की बगीची में हर साल लक्खी पौष बड़ों का आयोजन होता आया है। यहां हर साल दोपहर से लेकर देर रात तक एक लाख से अधिक लोग गर्मा-गर्म हलवा, दाल के बड़े और पूड़ी सब्जी जीमते थे। इसके अलावा खंडलवाल समाज, अग्रवाल समाज, ब्राह्मण समाज, माहेश्वरी समाज, सिंधी समाज सहित सभी समाजों की ओर से भी पौष बड़ों के भव्य आयोजन होते थे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/38U1dm3
Comments
Post a Comment
Thanks for your reply...