जेएनवीयू के न्यू कैंपस में हरे-भरे पेड़ों को चट कर रही दीमक https://ift.tt/36qlEXQ

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के नया परिसर में हरे-भरे पेड़ खत्म होने की कगार पर हैं। अधिकतर पेड़ों को दीमक लग चुकी है। प्रतिदिन विवि के शिक्षक-कर्मचारी कैंपस आते हैं, लेकिन उन्हें यह समस्या नजर नहीं आ रही। स्थिति यह है कि कुछ पेड़ गिरने की अवस्था में है। अगर समय रहते दीमक का इलाज नहीं किया तो विवि से हरियाली खत्म हो जाएगी। दरअसल विवि दो परिसर में बंटा हुआ है। पाली रोड स्थित नया परिसर में चारों ओर हरियाली छाई हुई हैं।

बरसों पूर्व लगाए पौधे अब पेड़ बन चुके हैं। चारो ओर कैंपस में खाली जगह पर कई तरह के पेड लगे हुए हैं। इसमें सर्वाधिक नीम के पेड़ लगाए हुए हैं। बरसों तक बिना रख-रखाव के कुदरती तौर पर पनपने वाले इन पेड़ों की अब हालात खस्ता होती जा रही है। कुछ पेड़ अपनी उम्र के साथ खत्म हो चुके हैं तो कुछ पेड़ों को लापरवाही के कारण नष्ट होना पड़ रहा है।

विवि के इतने बड़े कैंपस में ना केवल आवारा पशु चरते रहते हैं बल्कि कई खानाबदोश जातियों के लोग भी पेड़ों की कटाई भी कर ले जाते हैं। ऐसी ही दीमक कुछ वर्ष पूर्व में लगी थी, तब इनका प्रॉपर इलाज किया गया था।

नए पेड़ भी नहीं पनप रहे

एक वर्ष में विवि प्रशासन की ओर से 300 से ज्यादा पौधे लगाए गए। बारिश भी हुई। लेकिन हकीकत में आधे से भी कम पौधे बचे हुए हैं। उनमें से भी कितने पेड़ बनेंगे। यह कहा नहीं जा सकता है। विवि की ओर से कुलपति के समक्ष यह समस्या रखी जा चुकी है। स्थानीय स्तर पर कई बार दवा का छिड़काव किया जा चुका है। दीमक ऐसी है कि पुन: आ जाती है। इधर, बिल्डिंग सेल में भी समस्या बताई जा चुकी है। पर अभी तक कहीं से भी कोई एक्शन नहीं हुआ है।

यह सही है कि पेड़ों में दीमक लग चुकी है। हमारा प्रयास है कि हम इससे ढंग से निपटें। इसके लिए जल्द ही प्लान बनाकर काम शुरू करेंगे। - प्रो. पीके कसेरा, जेएनवीयू

यह समस्या हमारे ध्यान में है। पूर्व में कई बार छिड़काव किया था। दीमक पुन: आ जाती है। इस बार पूरा प्लान बनाकर सही ढंग से काम करना होगा, ताकि पेड़ों को बचाया जा सकें।
- प्रो. किशोरीलाल रैगर, डीन कला संकाय



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
परिसर में लगा करीब हर पेड़ इस तरह उजाड़ नजर आने लगा है। विविप्रशासन अगर समय रहते नहीं चेता तो यह हरियाली कुछ ही दिनों में खत्म हो जाएगी। क्योंकि करीब 70 प्रतिशत पेड़ों में दीमक लग चुकी है। अब अगर सही ढंग से दीमक उन्मूलन कार्यक्रम नहीं चलाया तो यह पेड़ दिखेंगे नहीं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2KYnBCB

Comments