ग्राम पंचायत रैवासा ने आजादी के बाद से बदहाल श्मशान की सूरत बदलने के लिए 55 लाख रुपए खर्च कर ग्रामीणों को राहत प्रदान की है। ग्राम पंचायत चुनाव के बाद सरपंच राजकुमार सैनी ने रैवासा के सभी नौ श्मशानों की सूरत बदलने के लिए पंचायत की पहली मीटिंग में ही वार्ड पंचों के साथ मिलकर प्रस्ताव लिया और प्रस्ताव का उच्चाधिकारियों ने स्वीकृति भी दे दी। पंचायत ने रास्ते चौड़े करवाने के साथ श्मशान भूमि से गंदगी हटाई व छाया के लिए टीनसैड लगाकर नया रूप दिया है।
अब यहां के लोगों के लिए श्मशान घाट व कब्रिस्तान किसी मोर्निंग वॉक स्थल से कम नहीं है। दरअसल गांव में मनरेगा के तहत हुए काम की बदौलत श्मशान घाट की काया पलट हुई है। सरपंच ने बताया कि यहां लगभग 40 बीघा जमीन पर अतिक्रमण था और गांव के लोगों को अंतिम संस्कर के लिए कांटे व संकरे रास्ते से गुजरना पड़ता था। दाह संस्कार के लिए लोगों के छाया की भी व्यवस्था नहीं थी। गांव में जितने समुदाय हैं, उनके अपने-अपने करीब नौ श्मशान घाट हैं। अब पूरा गांव सभी नौ विकसित श्मशान का इस्तेमाल करेगा।
सरपंच ने बताया कि श्मशान भूमि का ठीक से रख-रखाव हो, उसके लिए बजट को लेकर विचार किया जा रहा है। जल्द इस प्रस्ताव को ग्राम पंचायत की बैठक में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि कब्रिस्तान पर अभी काम चल रहा है। ग्राम पंचायत अपने खर्चे से श्मशान भूमि व कब्रिस्तान में कुर्सियां भी लगाएगी। कई लोग अंतिम संस्कार में जाते हैं। उनके बैठने की समस्या होती है।
पांच सौ पौधे लगाएगी पंचायत
सरपंच राजकुमार सैनी व ग्राम विकास अधिकारी बनवारीलाल वर्मा का कहना है कि करीब 55 लाख रुपए लगाकर यहां मजबूत लोहे के पाइप के साथ टीनशैड लगाए गए हैं तथा रास्ते में फैली गंदगी को भी जेसीबी से हटाया गया है। अब रास्ता चौड़ा हो गया है। इस व्यवस्था के बाद ग्राम पंचायत ने अब यहां सभी श्मशानों में पांच सौ से ज्यादा पौधे लगाने की याेजना बनाई है।
श्मसान भूमि स्थल पर रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से कई बार ग्रामीणों को परेशानी होती है। साथ ही नहाने की व्यवस्था भी नहीं है। पंचायत ने ग्रामीणों की मांग पर अपने स्तर पर रोशनी व नहाने के लिए बाथरूम की व्यवस्था करने की बात भी कही है। सरपंच ने बताया कि लक्ष्मीनारायण मंदिर के पास भी नहाने के लिए बाथरूम बनाए जाएंगे। बागर मार्केट में निखार फोटो स्टूडियों के सामने सुविधाघर बनाए जाएंगे। इससे बाजार में खरीदारी करने वाली महिलाओं को सुविधा मिलेगी।
बारिश से बचाव के होंगे इंतजाम
सरपंच ने बताया कि अंतिम संस्कार के वक्त कई बार बारिश आने के कारण लकड़ियां गीली हो जाती हैं। इससे दाह संस्कार में बहुत वक्त लगता है। इसके लिए पंचायत ने श्मशान भूमि पर अलग से टीनशैैड लगाने का विचार किया है। इन लोहे के टीनशैड के नीचे लकड़ियां रखी जाएगी। शव को भी बारिश से बचाने के लिए टीनशैैड उपयोग में लिए जा सकते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/34aq1ny
Comments
Post a Comment
Thanks for your reply...