मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन की जयपुर के अल्बर्ट हाॅल से राज्य-स्तरीय आयोजन के माध्यम से 2 अक्टूबर को शाम 4ः30 बजे शुरूआत करेंगे। इसके बाद प्रभारी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में 3 अक्टूबर को कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए आमजन के बीच मास्क पहनने, उचित दूरी रखने और भीड़ से बचने के नियमों की पालना की समझाइश करेंगे।
इसके लिए गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से विभिन्न राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों, संभागीय आयुक्तों, रेंज पुलिस महानिरीक्षकों, जिलों के कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षकों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर से चलाया जाने वाला जन आंदोलन कोई राजनीतिक अभियान नहीं बल्कि कोरोना के खिलाफ एक गैर-राजनीतिक अभियान है जिसमें सभी का सहयोग जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी के साथ हो रही लगातार चर्चा से जो सकारात्मक माहौल बना है वह इस जंग को जीतने तक बना रहेगा।
विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीपी जोशी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाते हुए राजस्थान में सभी दलों के नेता एवं जनप्रतिनिधि इस जन आंदोलन में भागीदारी निभा रहे हैं इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। गहलोत ने कहा कि सभी राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक सरोकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं, कार्यकर्ताओं तथा आम लोगों की भागीदारी होने से ही यह अभियान सफल हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रदेशवासियों का जीवन एवं आजीविका बचाने का अभियान हैै।
स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास विभागों से जुड़ी सभी संस्थाएं, निगम और पालिकाएं अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगी। ये संस्थाएं आंदोलन के लिए मास्क तथा स्टीकर आदि तैयार करने, उनके वितरण तथा घरों पर चिपकाने का काम करेंगी। नगरीय क्षेत्रों में सफाईकर्मी तथा अन्य अधिकारी भी अभियान में सक्रिय भूमिका निभायेंगे।
इधर, भाजपा एक लाख मास्क बांटेगी
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ वर्चुअल बैठक में संवाद करते हुए कोरोना प्रबंधन एवं जागरुकता को लेकर विभिन्न महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के मामले में भाजपा जनता के बीच जन जागरूकता के लिए हर संभव सहयोग करेगी और अपने स्तर पर भी एक लाख मास्क प्रदेशभर में वितरित करेगी।
पूनियां ने सुझाव दिया कि अस्पतालों की बुनियादी सुविधाओं की समीक्षा करके उसकी पूर्ति सुनिश्चित करें। विशेषकर जांच उपकरण एवं ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई हो। यह महामारी मनोविज्ञान से जुड़ी हुई है, इसलिए जनजागरण को और प्रभावी बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि विगत दिनों 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आह्वान किया था कि मुख्यमंत्रीगण स्वयं उपखण्ड स्तर तक मॉनिटरिंग करेंगे तो निचले स्तर के अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा। पूनियां ने कहा कि जन जागरुकता के लिए टैक्स्ट मैसेज का व्यापक उपयोग किया जा सकता है। मेरी बस्ती, मेरा वार्ड, मेरा गांव, कोरोना मुक्त हो, यह अभियान प्रदेशभर में चलना चाहिए।
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