कोरोना महामारी व लॉक डाउन के चलते बीते पांच माह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे पुष्कर के निजी स्कूल संचालकों की सोमवार को प्रेमप्रकाश आश्रम में बैठक आयोजित की गई।
जिसमें उपस्थित राज्य सरकार से स्कूलों को आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया तथा स्कूल शिक्षा परिवार की कार्यकारिणी का सर्वसम्मति से गठन किया।
अजमेर स्कूल शिक्षा परिवार के जिलाध्यक्ष शशि मोहन वर्मा के मुख्य आतिथ्य एवं तारामणी सीनियर स्कूल के निदेशक अनिल वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कोरोना काल के चलते स्कूल संचालकों की विभिन्न समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया तथा समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक सुझाव दिए।
पाराशर अध्यक्ष, गुजरिया सचिव नियुक्त
बैठक में स्कूल शिक्षा परिवार की पुष्कर शाखा का गठन किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से अनिल कुमार वर्मा को संयोजक व कमल पाराशर अध्यक्ष चुने गए। इसके अलावा सचिव गिरिराज गुजरिया, सह सचिव शीतल भट्ट, उपाध्यक्ष वेद प्रकाश पाराशर, निर्मल चौधरी, अरविंद सरवाड़िया व सत्यनारायण सिंह राठौड़, कोषाध्यक्ष अमित भट्ट, संगठन मंत्री हिमांशु कुमावत, सांस्कृतिक मंत्री श्रुति भट्ट, मीडिया प्रभारी अजय सिंह सिसोदिया, विधि सलाहकार मदन सांखला नियुक्त किए गए। अंत में अजमेर स्कूल शिक्षा परिवार के अध्यक्ष कमल पाराशर ने सदस्यों का आभार प्रकट किया।
फीस वसूलने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की मांग
अजमेर जिला कांग्रेस कमेटी सीए प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष सीए विकास अग्रवाल व प्रदेश राजीव गांधी यूथ फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल गंगवाल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर निजी स्कूल संचालकों द्वारा लॉक-डाउन के दौरान बंद रही अवधि की फीस वसूलने का दबाव बनाने वाली स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
गंगवाल व अग्रवाल ने बताया कि भारतीय संविदा अधिनियम 1872 के अनुसार भी पक्षकारों के मध्य संविदा के नियमों के तहत ही कोई भी व्यवहार किया जा सकता है ऐसे में इस प्रकार का कोई अनुबंध स्कूलों व अभिभावकों के मध्य नहीं हुआ है। लगभग 5 माह से बंद रही समस्त शैक्षणिक संस्थाओं के संचालक अभिभावकों से फीस वसूलने का हक नहीं रखते।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2QDTVdt
Comments
Post a Comment
Thanks for your reply...