उदयपुर के सेंट्रल एरिया में 10-10 हजार रुपए महीना कमाने वाले 200 परिवारों को थमाए 18 से 34 हजार तक के बिजली बिल
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लॉकडाउन में लोगों के नौकरी-रोजगार छूटे, घरों की हालत खराब हो गई और अनलॉक में बिजली निगम अब टारगेट पूरे करने के लिए मनमाने और ताबड़तोड़ बिल भेजकर लूट मचा रहा है। शहर के सेंट्रल एरिया में कई लोगों को 18 से 34 हजार रुपए तक के बिल भेेजे हैं। ऐसे करीब 200 उपभोक्ता हैं, जो निगम दफ्तर के पटेल सर्किल दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं।
इनका कहना है कि घर में दो कमरे और आधा दर्जन इलेक्ट्रिक प्वाइंट भी नहीं हैं, जिसमें कूलर भी बमुश्किल इस्तेमाल होता है। फिर भी इतनी रकम के बिल मिले हैं। 10-10 हजार महीने की आमदनी में गुजारा करने वाले इन परिवारों में ज्यादातर लोग मजदूरी करते हैं।
बता दें, लॉकडाउन के कारण मार्च के बाद रीडिंग नहीं ली गई। जुलाई में रीडिंग के बाद सीधे 4 महीने का बिल थमा दिया गया। शिकायतों पर निगम के अधिकारी चार्जेज बढ़ने का हवाला देने के साथ ही बिल पर छपे शुल्क को पुराना बता रहे हैं।
तर्क ये कि लॉकडाउन में नई स्टेशनरी तैयार नहीं होने से बढ़ी रेट प्रिंट नहीं कर पाए। कहीं बिल अगले महीने एडजस्ट करने का भरोसा दिलाया दिया जा रहा है, जबकि कई परिवार तीन गुना तक बिल भरने को मजबूर हैं, क्योंकि कनेक्शन कटने का डर है। इधर भास्कर पड़ताल में यह भी सामने आया है कि बरसों से टारगेट पूरे करने में नाकाम रहे निगम ने इस साल जुलाई में 170 करोड़ का लक्ष्य रखा था और इसके मुकाबले 176 करोड़ यानी 103.78 प्रतिशत ज्यादा हासिल भी कर लिया। इससे पहले अप्रैल में 51, मई में 91.24, जून में 105.12 प्रतिशत लक्ष्य पूरे किए थे।
एसई बोले- पहले का बकाया जोड़ कर भेजा है इसलिए लोग परेशान हो रहे हैं, रीडिंग में कहीं कोई दिक्कत नहीं
2.50 लाख के बिल की बात है तो उसे देखूंगा। बाकी बिलों की बात है तो रीडिंग में कहीं कोई दिक्कत नहीं है। बकाया राशि को जोड़ भेजा है तो लोग बिल बढ़े होने से परेशान हैं। उन्हें समझा दिया है। फिर भी कोई दिक्कत होगी तो देखने को तैयार हूं।
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