प्रदेश की यूनिवर्सिटीज को छात्रों की बिना परीक्षा लिए अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने फार्मूले सुझाए हैं। जिनके आधार पर निर्णय लेकर जल्द रिजल्ट जारी करने के लिए कहा है। इनके अनुसार पिछले वर्ष या सेमेस्टर के नम्बरों और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक देकर छात्र को अगली कक्षा में क्रमोन्नत किया जा सकता है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव शुचि शर्मा ने 13 यूनिवर्सिटी को पत्र भेजा है। प्रदेश के 15 लाख से ज्यादा छात्रों का मामला है।
इस तरह जारी होंगे परिणाम
- जो यूनिवर्सिटी मध्यवर्ती वर्षों या सेमेस्टर परीक्षा कराने में असमर्थ है वह 50% अंक पिछली क्लास के आधार पर और 50% अंक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर देकर छात्रों को क्रमोन्नत करे या फर्स्ट ईयर के छात्रों को 10वीं और 12वीं क्लास के प्राप्तांकों के औसत पर अंक दिए जा सकते हैं।
- यूजी सेकंड ईयर के छात्रों को फर्स्ट ईयर के नंबरों के आधार पर और 5% बोनस देकर क्रमोन्नत किया जा सकता है।
- पीजी पूर्वार्ध के छात्रों को लघु शोध प्रबंध या असाइनमेंट देकर अंक दिए जा सकते हैं।
- एक साल के डिप्लोमा/ सर्टिफिकेट कोर्स में कोरोना की परिस्थितियां सामान्य होने पर परीक्षा कराई जा सकती है।
परीक्षा देने का भी मौका
प्रदेश की यूनिवर्सिटी इन फार्मूला के आधार पर छात्रों को अगली कक्षा में क्रमोन्नत तो कर सकेगी। लेकिन इस सिस्टम से जो छात्र संतुष्ट नहीं होंगे उन्हें कोरोना की परिस्थितियां ठीक होने के बाद परीक्षा का स्पेशल मौका दिया जाएगा। ताकि वह अपने नंबर बढ़ा सके। फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति है।
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